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Agniveer Rule Update: अग्निवीर 2025 भर्ती में बड़ा बदलाव, दौड़ का समय बढ़ा, अब मिलेगा ज्यादा युवाओं को मौका

Agniveer Rule Update: भारतीय सेना ने अग्निवीर योजना के तहत भर्ती प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं जो युवाओं के लिए सुनहरा मौका लेकर आए हैं। सेना ने इस बार भर्ती को और अधिक समावेशी बनाने के लिए 1600 मीटर दौड़ के समय में 30 सेकंड की छूट दी है। अब उम्मीदवारों को यह दूरी तय करने के लिए 6 मिनट 15 सेकंड का समय मिलेगा, जबकि पहले यह सीमा 5 मिनट 45 सेकंड थी। इस बदलाव का मकसद उन युवाओं को मौका देना है, जो मामूली समय के अंतर से दौड़ पूरी नहीं कर पाते थे लेकिन उनकी अन्य योग्यताएं शानदार होती थीं।

भारतीय सेना ने हमेशा देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया है। इस बार दौड़ के समय में 30 सेकंड की बढ़ोतरी करके सेना ने यह सुनिश्चित किया है कि शारीरिक रूप से सक्षम युवा केवल कुछ सेकंड के अंतर के कारण बाहर न हों। पहले 5 मिनट 45 सेकंड में दौड़ पूरी करना अनिवार्य था लेकिन अब 6 मिनट 15 सेकंड तक का समय स्वीकार्य होगा। इससे उन युवाओं को भी मौका मिलेगा जो तेज दौड़ने में थोड़ा कमजोर हैं लेकिन अन्य क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। यह बदलाव न केवल भर्ती प्रक्रिया को अधिक लचीला बनाता है बल्कि सेना में शामिल होने के सपने को और करीब लाता है।

अंक प्रणाली में बदलाव, मेहनत का पूरा इनाम

दौड़ के समय में बदलाव के साथ-साथ भारतीय सेना ने अंक देने की प्रणाली को भी नया रूप दिया है। अब दौड़ का समय और पुलअप की संख्या के आधार पर उम्मीदवारों को अंक दिए जाएंगे ताकि उनकी मेहनत का सही मूल्यांकन हो सके। अगर कोई उम्मीदवार 5 मिनट 30 सेकंड के अंदर 1600 मीटर की दौड़ पूरी करता है तो उसे पूरे 60 अंक मिलेंगे। साथ ही अगर वह 10 पुलअप करता है तो उसे 40 अंक और मिलेंगे। वहीं अगर दौड़ का समय 5 मिनट 31 सेकंड से 5 मिनट 45 सेकंड के बीच रहता है तो उम्मीदवार को 48 अंक और 9 पुलअप के लिए 33 अंक मिलेंगे।

इसी तरह 5 मिनट 46 सेकंड से 6 मिनट के बीच दौड़ पूरी करने वालों को 36 अंक और 8 पुलअप के लिए 27 अंक दिए जाएंगे। अगर कोई उम्मीदवार 6 मिनट 1 सेकंड से 6 मिनट 15 सेकंड के बीच दौड़ पूरा करता है, तो उसे 24 अंक मिलेंगे और 6 से 7 पुलअप के लिए 16 से 21 अंक दिए जाएंगे। यह नई अंक प्रणाली सुनिश्चित करती है कि हर उम्मीदवार को उसकी मेहनत के हिसाब से उचित मौका मिले।

पहले लिखित, फिर शारीरिक

पिछले साल से लागू हुए एक और बड़े बदलाव ने भर्ती प्रक्रिया को और बेहतर बनाया है। अब भारतीय सेना सबसे पहले लिखित परीक्षा आयोजित करती है, और इसमें पास होने वाले उम्मीदवार ही शारीरिक परीक्षा में हिस्सा ले सकते हैं। पहले ऐसा होता था कि कई उम्मीदवार दौड़ और शारीरिक परीक्षा तो पास कर लेते थे लेकिन लिखित परीक्षा में असफल हो जाते थे। इससे उनका समय और मेहनत बर्बाद होती थी। अब नई प्रक्रिया के तहत केवल वही उम्मीदवार शारीरिक परीक्षा देंगे, जो लिखित परीक्षा में सफल होंगे। यह बदलाव न केवल समय की बचत करता है बल्कि प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष भी बनाता है।

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