रक्षाबंधन का त्योहार हिंदू धर्म में भाई और बहन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई और बहन के लिए प्रेम का प्रतीक भी माना जाता है, यह त्योहार हिंदू धर्म में भाई और बहन के लिए बहुत ज्यादा खास होते हैं इस त्यौहार को हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है। यानी रक्षाबंधन के त्यौहार का इंतजार हमेशा ही भाई बहनों के लिए जोरो से रहता है।हालांकि रक्षाबंधन मनाने को लेकर लोगों के मन में अलग-अलग भ्रांतियां भ्रम की स्थिति फैली हुई है लोगों को रक्षाबंधन की तिथि के बारे में सटीकता से पता नहीं है इसके अलावा राखी बांधने का सही टाइम क्या है इसको लेकर भी सही से पता नहीं है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर बार रक्षाबंधन का त्योहार सावन के अंतिम दिनों में मनाया जाता है इस दिन शुभ मुहूर्त के तहत बहन अपने भाई को राखी पवित्र धागा बांधती है।जो भाई की लंबी उम्र और कल्याण का प्रतीक माना जाता है राखी के बदले में भाई अपनी बहन को गिफ्ट के रूप में आए तो फिर देते हैं इसके अलावा बहन की रक्षा का वादा भी करते हैं।
रक्षाबंधन के त्योहार का शुभ मुहूर्त
बहुत से बहनों और भाइयों के मन में सवाल है कि रक्षाबंधन का सही टाइम क्या है, क्योंकि हमारे देश में अलग-अलग प्रकार के भरम फैलाए जा रहे हैं इसीलिए हम इस लेख के माध्यम से आपको सटीक जानकारी है उपलब्ध करवाने जा रहे हैं जिसके माध्यम से आपको किसी भी प्रकार की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। वरिष्ठ ज्योतिष आचार्यों के अनुसार रक्षाबंधन का त्योहार इस वर्ष 2 दिन मनाया जा रहा है यानी यह त्यौहार किस वर्ष 2 दिन मनाया जाएगा,रक्षाबंधन के त्यौहार की शुरुआत 30 अगस्त 2023 को रात्रि 9:02 बजे से लेकर गुरुवार 31 अगस्त 2023 को सुबह 7:05 बजे तक मनाया जाएगा। हालांकि ऐसे लोग जो रात को राखी नहीं बनवा सकते हैं वह 31 अगस्त 2023 को सुबह 7:05 से पहले किसी भी प्रकार से राखी बनवा सकते हैं क्योंकि इसी समय पूर्णिमा तिथि समाप्त हो जाती है। यानी 30 अगस्त को पूरे दिन वह 31 अगस्त को पूरे दिन भद्रा काल का साया रहेगा।
Raksha Bandhan 2023 Muhurat Time
रक्षाबंधन 2023 का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त 2023 को अदरा काल समाप्त होने के बाद रात्रि 9:03 से 31 अगस्त 2023 को सुबह 7:05 तक राखी बांध सकते हैं राखी बांधने का शुभ टाइम ज्योतिषियों के मुताबिक ही यही है।
- रक्षाबंधन भद्रा पूंछ – शाम 05:32 – शाम 06:32
- रक्षाबंधन भद्रा मुख – शाम 06:32 – रात 08:11
- रक्षाबंधन भद्रा का अंत समय – रात 09:02
- राखी बांधने के लिए प्रदोष काल मुहूर्त – रात्रि 09:03 – मध्यरात्रि 12:28 तक
रक्षाबंधन त्योहार का महत्व
राखी का एक भावनात्मक महत्व भी है। बहन भाई के हाथ (कलाई) में बांधती है एवं उसके पीछे भाई का उत्कर्ष (प्रगति) हो एवं भाई बहन की रक्षा करें ,यह भूमिका होती है। बहन द्वारा भाई को राखी बांधने से अधिक महत्वपूर्ण है। इस कारण उनका विशेषतः युवक एवं पुरुषों का युवती अथवा स्त्री की तरफ देखने का दृष्टिकोण बदलता है।