राजस्थान सरकार द्वारा हाल ही में 19 नए जिले बनाए गए थे,राजस्थान सरकार द्वारा जो 19 जिले बनाए गए हैं उनको बनाने के बाद अब सभी जिलों की सीमाएं और बॉर्डर भी चेंज हो चुके हैं। यानी अब जो नए जिले बनाए गए हैं उनकी सीमाओं को तोड़कर नया जिला बना दिया गया है इसके अलावा नए जिलों के बॉर्डर और पुराने जिलों के बॉर्डर भी बदल दिए जाएंगे। बदलाव के चलते कई ऐसे गांव कस्बे तहसील हैं जिनको नए जिलों में जोड़ा जा रहा है और कई ऐसे हैं जिन्हें पुराने जिलों में ही रखा जा रहा है।ऐसे में जानकारी के मुताबिक बता दें कि इस प्रकार से बदलाव किए जाने पर लगभग बहुत सारे जिले की सीमाओं में बदलाव देखने को मिलेगा, वही राजस्थान सरकार द्वारा 10 नए संभाग भी बनाए गए हैं जिस में भी बदलाव देखने को मिलेगा।
अब यह सब कुछ तय हो चुका है कि कौन से जिले की सीमा कहां तक रहेगी और कौन-कौन से जिले में कौन-कौन से गांव और तहसील को जोड़ा जाएगा। अगर गांव और तहसील को जोड़ा जाता है तो उन गांव और तस्वीरों में रहने वाले लोगों को भी नए जिले में शामिल किया जाएगा, जानकारी के मुताबिक बता दें कि राजस्थान सरकार की ओर से प्रशासनिक कार्य को भी तेज गति से प्रारंभ कर दिया गया है।कई जिलों के लिए अधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं और जल्द से जल्द काम पूरा कराने के लिए नए जिलों की कार्यप्रणाली भी शुरू करवा दी गई है।19 नए जिलों में लगभग कई दिनों के लिए अधिकारी नियुक्त होने के अनुसार विभागों को नए दिलों में ट्रांसफर करने को लेकर भी तैयारियां चल रही है वहीं कुछ जिलों के ऐसे लोग भी है जो अपने पुराने जिले में ही रहना चाहते हैं इसको लेकर भी विवाद घोर विरोध चल रहा है।
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नए जिलों में कौन-कौन से क्षेत्र आएंगे
हम इस लेख के माध्यम से राजस्थान में बनाए गए नए जिलों के पश्चात प्रत्येक जिले का नाम और उस में आने वाले क्षेत्र के बारे में जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। आप सभी को यह तो पता है कि राजस्थान में फिलहाल न्यूनतम 19 जिले बनाए गए हैं। राजस्थान में पहले 33 जिले थे जो कि अब सभी 19 जिलों को मिलाकर 50 जिले कर दिए गए हैं। इन जिलों को 2 पेज में बनाया गया है जिसमें पहले फेज में 11 जिले शामिल किए गए हैं तथा दूसरे फेज में 8 जिलों को सम्मिलित किया गया है।अभी तक राजस्थान सरकार द्वारा जिन जिलों की सीमाएं तैयार की गई है उनकी हम जानकारी ले के माध्यम से स्टेप बाय स्टेप उपलब्ध करवाने जा रहे हैं जिसको आप ध्यान पूर्वक देखें।
किस जिले में कौन से गांव और तहसील होंगे शामिल
बालोतरा : बाड़मेर से पचपदरा, कल्याणपुर, सिवाना, समदड़ी, सिणधरी, गिड़ा, बायतु तहसील का आधा हिस्सा। बालोतरा, कल्याणपुर, समदड़ी, सिवाना, सिणधरी, पांयला, गिड़ा, बायतु व पाटोदी पंस ले सकते हैं। बाटाडू-बायतू के 17 गांव बाड़मेर में रहेंगे बाड़मेर हेड क्वार्टर से दूरी और लोगों के होली परेशान के मध्य में नए जिला बनने से लोगों के लिए और भी कार्य शुभम हो सकेंगे।
केकड़ी टॉक की देवली, मालपुरा, टोडा रायसिंह, भीलवाड़ा की जहाजपुर, अजमेर की अराई, बांदनवाड़ा, बिजयनगर, नसीराबाद, भिनाय तहसील के गांव केकड़ी जिला बनने से केकड़ी के आसपास के लोगों के लिए काफी फायदेमंद होगा।
फलौदी : जोधपुर से फलौदी, लोहावट, बाप, देचू, बापिणी, सेतरावा, घंटियाली, आऊ, जैसलमेर से नाचना व नोख उप तहसील | ओसियों से आगे का हिस्सा।
डीडवाना कुचामन : ओएसडी सीताराम जाट ने बताया- मकराना, परबतसर, लाडनूं, डीडवाना, नावां विधानसभा का क्षेत्र शामिल नागौर का आधा क्षेत्र नए जिले में होगा यानी 1 तरीके से देखे तो नागौर को दो हिस्सों में बांट दिया गया है।
ब्यावर अजमेर जिले से मसूदा, बिजयनगर व टॉडगढ़, राजसमंद से भीम, पाली जिले से रायपुर व जैतारण तहसीलें जुड़ेंगी।
अनूपगढ़ : श्रीगंगानगर जिले से अनूपगढ़, श्रीविजयनगर, घड़साना और रावला, बीकानेर जिले से खाजूवाला व छत्तरगढ़ तहसील क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है। श्री गंगानगर के रायसिंहनगर तहसील क्षेत्र को शामिल करने पर भी विचार किया जा सकता है। नए जिले में लगाई गई विशेषाधिकारी कल्पना अग्रवाल का कहना है कि सीमांकन का फैसला सरकार ही करेगी।
सलूंबर ओएसडी प्रताप सिंह बोले- सीमांकन का काम सरकार के अधिकार में है। मांगें आपत्तियां लेकर सरकार को भेजी हैं।
कोटपूतली-बहरोड़ : विशेषाधिकारी शुभम चौधरी ने सीमांकन से इनकार किया है। हालांकि माना जा रहा है कि 7 उपखंड क्षेत्र कोटपूतली, बहरोड़, विराटनगर, बानसूर,
पावटा, नारायणपुर और नीमराणा, चार विधानसभा क्षेत्र कोटपूतली, बहरोड़, विराटनगर और बानसूर शामिल किए जा सकते हैं।
गंगापुरसिटी: सवाई माधोपुर जिले से बामनवास, वजीरपुर और करौली जिले से नादौती, टोडाभीम तहसील क्षेत्र को शामिल किया जा सकता है।
सांचौर: जालोर से चितलवाना, सांचौर, रानीवाड़ा। आधा हिस्सा गुड़ामालानी, बागोड़ा, सेड़वा, धोरीमन्ना का। ओएसडी पूजा पार्थ ने कहा, फैसला सरकार करेगी।
शाहपुरा (भीलवाड़ा) : कलेक्टर की रिपोर्ट के अनुसार शाहपुरा जिला भीलवाड़ा से बड़ा हो सकता है, इस जिले को बनाने में काफी माथापच्ची हो गई है इसमें शाहपुरा, हुरडा, फूलियाकलां, जहाजपुर, कोटड़ी, बनेड़ा तहसील सहित मांडलगढ़, बिजौलिया शामिल भीलवाड़ा में आसींद, करेड़ा, भीलवाड़ा, मांडल, रायपुर, सहाड़ा, हमीरगढ़ तहसील रहेगी।
इसमें शाहपुरा, बदनौर अब ब्यावर में जाने की संभावना है।
डीग : ओएसडी का कहना है- पूर्व की रिपोर्ट में 8 तहसील क्षेत्र कुम्हेर, डीग, कामा, पहाड़ी, नगर, सीकरी, जन्धर, रारह शामिल हैं। अभी सीमांकन बाकी है।
दूदू : फागी, मौजमाबाद, माधोराजपुरा जोबनेर, फुलेरा, नरैना, सांभरलेक, अजमेर से रूपनगढ़ व अराई, टोंक जिले से मालपुरा को शामिल कर सकते हैं।
नीमकाथाना : झुंझुनूं से खेतड़ी उपखंड का क्षेत्र, उदयपुरवाटी तहसील के 19 पटवार मंडल। शेष गुढ़ागौड़जी तहसील का संपूर्ण क्षेत्र और ये चार पटवार मंडल झुंझुनूं में।
अजमेर से बने ब्यावर में पाली की 2 तहसीलें, आधा नागौर नए जिले में
8 नए जिलों को लेकर सीमांकन में विवाद
जयपुर उत्तर एवं दक्षिण- जयपुर उत्तर एवं दक्षिण के लिए विरोध झेलना पड़ रहा है जयपुर उत्तरण जयपुर जंक्शन नाम से दो जिला बनाने की घोषणा की थी लेकिन अभी तक इन जिलों के क्षेत्र तय नहीं किए जा सकते हैं जयपुर में क्योंकि जयपुर विकास प्राधिकरण और नगर निगम के अपने विशेष क्षेत्र है साथ ही जयपुर राजधानी भी है इसलिए सीमांकन में समस्या आ रही है।
जोधपुर पूर्व पश्चिम- जोधपुर पूर्व एवं पश्चिम को बड़ी आबादी के हिसाब से 2 जिलों में बांटा गया था जोधपुर में भी जयपुर की तरह विकास प्राधिकरण नगर निगम की समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
कैथल 1 जिले के भीतर 3 जिले तय करना चुनौती- वर्तमान समय में अलवर जिले में बहरोड को जिला बना दिया गया है और उधर खैरथल को जिला बनाने की घोषणा की गई है इस जिले का क्षेत्र भिवाड़ी पहले से ही पुलिस जिला एसपी कार्यक्षेत्र बनाया जा चुका है भिवाड़ी के विधायक संदीप यादव भिवाड़ी को प्रशासनिक जिला बनाने की भी मांग में जुटे हैं ऐसे मेंअगर अलवर जिले के भीतर ही 3 जिलों का क्षेत्र से ज्ञात किया जाए तो बड़ी चुनौती बन चुका है।
डीग जिला – भरतपुर जिले में डीग अपने जल महलों के लिए प्रसिद्ध है लेकिन यहां डीग से बड़े कस्बे भी है उन्हें जिला नहीं बनाया गया है ऐसे में जनप्रतिनिधियों को विरोध झेलना पड़ रहा है।
सलूंबर- इस जिले में उदयपुर बांसवाड़ा डूंगरपुर प्रतापगढ़ जिलों को कुछ हिस्सों को लेकर यह नया जिला बनाया जाएगा यह जिले पहले से ही बहुत छोटे हैं ऐसे में कौन-कौन से छात्रों को इसमें शामिल किया जाएगा अभी तक यह तय नहीं हो पाया है।
गंगापुर सिटी- गंगापुर सिटी के साथ भी सलूंबर जैसी स्थिति बन गई है वर्तमान जिला सवाई माधोपुर पहले से छोटा जिला है और पड़ोस में करौली और जो सभी छोटे जिले हैं ऐसे में नए गंगापुर सिटी को कौन-कौन से क्षेत्र से मिलाकर बनाया जाएगा यह अभी तक तय नहीं पहुंच पाया है।
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