PM Awas Yojana: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (PMAY-G) के तहत देश के लाखों गरीब परिवारों को पक्का मकान देने का सपना साकार करने की कोशिश जारी है। हाल ही में इस योजना के लिए सर्वे का काम पूरा हुआ लेकिन अब सत्यापन की प्रक्रिया में कुछ चुनौतियां सामने आ रही हैं। खास तौर पर ‘परिवार’ की परिभाषा को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। ग्रामीण विकास विभाग ने अब इस पर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए हैं साथ ही कुछ परिवारों को अयोग्य घोषित करने के लिए नए मानदंड भी तय किए गए हैं।
सर्वे पूरा, सत्यापन में अड़चन
पीएम आवास योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के लिए व्यापक सर्वे किया गया। इस सर्वे में पूरे देश में लगभग एक करोड़ पांच लाख परिवारों के नाम शामिल किए गए। लेकिन अब इन नामों का सत्यापन करने में दिक्कतें आ रही हैं। सबसे बड़ी समस्या यह थी कि ‘परिवार’ शब्द की सटीक परिभाषा तय नहीं थी, जिसके कारण सत्यापन की प्रक्रिया में भटकाव हो रहा था। कई ऐसे परिवारों के नाम भी सूची में शामिल हो गए जो योजना के मानदंडों को पूरा नहीं करते।
‘परिवार’ की नई परिभाषा
ग्रामीण विकास विभाग ने इस समस्या को हल करने के लिए ‘परिवार’ की परिभाषा को स्पष्ट कर दिया है। अब योजना के तहत परिवार का मतलब है- पति, पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे। इसके अलावा, अगर कोई अविवाहित व्यस्क व्यक्ति है जिसके माता-पिता जीवित नहीं हैं। तो उसे भी एकल परिवार के रूप में माना जाएगा। लेकिन सर्वे में कई ऐसे परिवारों के नाम शामिल हो गए हैं। जिनमें विवाहित माता-पिता और उनके विवाहित बच्चों को एक ही परिवार के रूप में जोड़ा गया। नए दिशा-निर्देशों के अनुसार ऐसे परिवारों को अब अयोग्य माना जाएगा।
कौन से परिवार होंगे अयोग्य?
योजना का लाभ केवल जरूरतमंद और पात्र परिवारों को ही मिले इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग ने कुछ सख्त मानदंड तय किए हैं। अगर कोई परिवार इनमें से किसी भी श्रेणी में आता है तो उसे योजना से बाहर कर दिया जाएगा।
- जिनके पास पहले से ही पक्का मकान है।
- जिनके पास मोटरयुक्त तीन या चार पहिया वाहन हैं।
- जिनके पास मशीनीकृत कृषि उपकरण हैं।
- जिनके पास 50,000 रुपये या उससे अधिक की ऋण सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड है।
- जिनके परिवार में कोई सरकारी कर्मचारी है।
- जिनके पास पंजीकृत गैर-कृषि उद्यम है।
- जिनके परिवार का कोई सदस्य हर महीने 15,000 रुपये से अधिक कमाता है।
- जो परिवार आयकर या व्यवसाय कर देते हैं।
- जिनके पास 2.5 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि या 5 एकड़ से अधिक असिंचित भूमि है।
इन मानदंडों के आधार पर सत्यापन के दौरान अपात्र परिवारों के नाम हटाए जा रहे हैं ताकि योजना का लाभ केवल योग्य लोगों तक पहुंचे।
सत्यापन में पारदर्शिता की जरूरत
सत्यापन की प्रक्रिया में पारदर्शिता और सटीकता बहुत जरूरी है। कई परिवारों ने गलत जानकारी देकर या मानदंडों को नजरअंदाज करके अपने नाम सर्वे सूची में शामिल करवाए हैं। उदाहरण के लिए, कुछ ऐसे परिवार भी सूची में हैं जिनके पास पहले से पक्का मकान है। नए दिशा-निर्देशों के तहत ऐसे सभी नाम हटाए जा रहे हैं। ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिलों को इस प्रक्रिया को तेज करने और सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।
योजना का मकसद, गरीबों को पक्का मकान
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का मुख्य उद्देश्य उन गरीब परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराना है, जो कच्चे मकानों में रहने को मजबूर हैं। नए दिशा-निर्देश और सत्यापन प्रक्रिया का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि यह लाभ केवल जरूरतमंद और योग्य परिवारों तक ही पहुंचे। सत्यापन की प्रक्रिया में आ रही दिक्कतों को दूर करने के लिए ग्रामीण विकास विभाग ने स्पष्ट नियम बनाए हैं जिससे योजना का लाभ सही हाथों में पहुंच सके।