केंद्र सरकार और राज्य सरकार किसान परिवारों की नष्ट हुई फसल को मुआवजा देने के लिए बीमा कंपनियों द्वारा इंश्योरेंस पॉलिसी करवाती है। यानी जिन भी किसान परिवारों की फसल किसी भी विपदा आपदा मौसमी गतिविधियों के चलते नष्ट हो जाते हैं उन्हें सरकार की ओर सेमुआवजा देने के लिएबीमा कंपनियों में आवेदन करना पड़ता है। जो किसान परिवार अपने नष्ट हुई खेती का मुआवजा लेने के लिए आवेदन फॉर्म सबमिट करता है उन्हें बर्बाद फसल का मुआवजा दिया जाता है। आप सभी को यह तो पता होगा पिछले साल भी खरीफ सीजन 2022 में भारी बारिश के कारण फसल में नुकसान हुआ था और इस बार भीमौसमी गतिविधियों वह बारिश नहीं होने के कारणराजस्थान जैसे कई इलाकों में काफी फैसले बर्बाद हुई है। पिछले वर्षप्रदेश के 10 लाख 57508 किसानों ने 651422 सेक्टर का फसल बीमा करवाया था।
सरकारी अधिसूचना केअनुसार स्थानीय प्राकृतिक आपदाओं और फसल के बाद के नुकसान के घटक के अनुसार 366 करोड़ 50 लख रुपए106 करोड़ कल 472 करोड़ 51 लख रुपए की स्वीकृति वितरित की गई है इस प्रकार की जानकारी जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी द्वारा दी गई है।
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जानकारी के मुताबिक बता दें कि नांदेड के लिए प्रधानमंत्री पीकविमा योजना यूनाइटेड इंडिया जनरल इंश्योरेंस कंपनी के माध्यम से इंश्योरेंस स्वीकृत की गई है। जिले के कलेक्टर अभिजीत रावत ने किसानों को नुकसान का 25% अग्रिम भुगतान दिलाने के लिएकपास जवाहरसोयाबीन अरहर फसलों के लिए मध्य मौसम विविधता अधिक सूचना लागू की थी।
जो आदि सूचनाकलेक्टर द्वारा लागू की गई थी उसके मोबके बीमा कंपनी ने किसानों के खाते में 366 करोड़ 50 लख रुपए की राशि स्वीकृत की गई है जो राशि किसान परिवारों के अकाउंट में ट्रांसफर की जा रही है। इसके अलावा फसल बीमा योजना के स्थानीय प्राकृतिक आपदाएवं फसलोंप्रांत हनी घटकों के प्रांत अग्रिम सूचनाओं का सारांश बनकर 99 करोड़ 65 लख रुपए एवं तृतीय किस्त में 6 करोड़ 36 लख रुपए की राशि विभाग द्वारा आवंटित की गई है। जानकारी के मुताबिक बता दें कि गवर्नमेंट द्वारा वर्ष 2022-23 में विभिन्न घटकों के अंतर्गत कुल 472 करोड़ 51 लख रुपएफसल खराब हुई किसानों के लिए आवंटित किए गए हैं।
75% मुआवजे का अलग से कोई प्रावधान नहीं रखा गया है
किसने की फसल की कटाई प्रयोग के अनुसार बढ़ी हुई राशि सभी संबंधित किसानों को दी जाएगी,जिसको रात सब मंडलों के तहत लागू किया जाएगा।यानी इसके लिए सीमा उत्पादक के आधार पर फसल बीमा को लागू किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक पाया है कि इसके लिए किसी भी प्रकार का अलग से प्रावधान नहीं है फसल बीमा योजना में 75 फिटी मुआवजाकिसी भी प्रकार सेअलग से नहीं दिया जाएगा। जिले के कृषि अधीक्षक अधिकारी बाबू साहब बढ़ाते ने किसानों को गलत संदेश से शिकार न होने की अपील भी की है।
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